ओडिसा से लगने वाली सभी सीमाए शील कोरोना जांच तेज बिना कोरोना रिपोर्ट आने वाले लोगो को प्रवेश वर्जित वाहन को भेजा जा रहा वापस

रायगढ़. । प्रदेश के साथ-साथ जिले में तेजी से कोराना संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है, ऐसे में हर दिन जिले में करीब ८०० से १००० तक केस सामने आ रहा है साथ ही कोरोना से बड़ी संख्या में लोगों की मौत भी हो रही है। ऐसे जिले की गंभीर स्थिति को देखते हुए कलेक्टर भीम सिंह ने दो दिन पहले ही आदेश जारी किया था कि दिगर प्रांत से आने वाले लोगों की गहनता से जांच की जाए, साथ ही वगैर जांच रिपोर्ट के जिले में प्रवेश न किया जाए। जिससे विगत तीन दिन से बेरियर पर जांच अभियान तेज कर दिया है। ऐसे में खासकर ओडिशा से आने वाले लोगों की बेरियर पर जांच की जा रही है। इस संबंध में ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों ने बताया कि उच्चाधिकारियों के आदेश के बाद जांच अभियान तेज किया गया है। ऐसे में दिगर प्रांत से आने वाले सभी लोगों की गहनता से जांच की जा रही है। इस दौरान जिन यात्रियों के बाद 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट नहीं है उसे वापस लौटा जा रहा है, साथ ही जिस लोगों के पास रिपोर्ट नहीं है और उसे जाना जरूरी है तो उसे उसके क्षेत्र में बने क्वारेंटाईन सेंटरों में ७ दिन के लिए क्वारेंटाइन किया जा रहा है। जिससे ज्यादातर लोग तो क्वारेंटाइन सेंटर जाने से अच्छा वापस लौट जा रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार रेंगालीपाली बेरियर पर दिन-रात ओडिशा से लोगों का आना-जाना लगा रहता है। इसके लिए यहां हमेशा पांच-छह कर्मचारियों की ड्यूटी रहती है जिसमें आसपास गांव के कोटवार, शिक्षाकर्मी सहित स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी मौजूद है। इस दौरान यहां ड्यूटी करने वाले कर्मचारी भी संक्रमित हो चुके हैं। हाल ही दो कर्मचारी कोरोना पाजिटिव पाए गए हैं। जिससे ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों में भी दहशत का माहौल बना हुआ है। ऐसे में इनका कहना है कि यहां अल्टरनेट ड्यूटी लगाई जानी चाहिए, ताकि राहत मिल सके।
इस संंबंध में कर्मचारियों ने बताया कि फिलहाल उच्चाधिकारियों के आदेश का पालन किया जा रहा है। जिसमें बगैर जांच रिपोर्ट के किसी भी व्यक्ति को जिले में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है, साथ ही जिनके पास जांच रिपोर्ट नहीं है उन्हे वापस भेज दिया है। वहीं कई ऐसे व्यक्ति भी आ रहे हैं, जिनका परिजन रायगढ़ में हैं और तबीयत खराब है जिससे उनको वहां जाना जरूरी है, लेकिन इनके पास जांच रिपोर्ट नहीं है। ऐसे में इनके सामने असमंजस की स्थिति बन जा रही है। हालांकि इसके बाद भी उनको जांच रिपोर्ट के लिए भेजा जा रहा है। जिससे मानवता के नाते कर्मचारी काफी परेशान हो रहे हैं।

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